Hindi typing

From indicwiki
Jump to navigation Jump to search
IIT Kanpur Logo.svg.png

एवमुक्त्वा ह्रषीकेश गुडाकेशः परन्तप ।

न योत्स्य इति गोविन्दमुक्त्वा तूष्णीं बभूव ह ।। ९ ।।

वचः--अर्जुनने बड़ी शूरवीरता और उत्साहपूर्व योध्दाओंको देखनेके लिये भगवान् से दोनों सेनाओंके बीचमें

रथ खड़ा करनेके लिये कहा था । अब वहींपर अर्थात् दोनों सेनाओंके बीचमें अर्जुन विषादमग्न हो गये ।

वास्तवमें होना यह चाहिये था कि वे जिस उद्देश्यसे आये थे, उस उद्देश्यके अनुसार युध्दके लिये खड़े हो

जाते । परन्तु उस उद्देश्यको छोड़कर अर्जुन चिन्ता-शोकमें फँस गये। अतः अब दोनों सेनाओंके बीचमें ही

भगवान् शोकमग्न अर्जुनको उपदेश देना आरम्भ करते हैं ।